अब भी जिंदा है पुरानी दिल्ली की कशिश
पुरानी दिल्ली की तंग गलियों में भारत की राजधानी का इतिहास बसता है. यहां के पकवान हों, बाजार हों या यहां की इमारतें, पुरानी दिल्ली की कोई ना कोई बात हर किसी को यहां खींच ही लाती है.
बाजारों की रौनक
किताबों से लेकर कपड़ों तक और मसालों से लेकर स्वादिष्ट पकवानों तक, इन भीड़-भड़ाके वाले बाजारों में सबके लिए कुछ ना कुछ है. लेकिन दुकानदारों का कहना है कि दिसंबर 2020 के बाद से जब से दिल्ली की सीमाओं पर किसाओं का धरना शुरू हुआ है, तब से लोगों ने पुरानी दिल्ली आना कम कर दिया है.
जामा मस्जिद की रूहानियत
जामा मस्जिद को मुगल बादशाह शाह जहां ने बनवाया था और यह भारत की सबसे बड़ी मस्जिदों में से एक है. तालाबंदी में ढील दिए जाने के बाद से यहां जुमे की नमाज फिर से शुरू हो गई है और श्रद्धालु नमाज अदा करने फिर से आने लगे हैं.
पकवानों की पुरानी परंपरा
पुरानी दिल्ली के पकवान मुगल काल की देन हैं. यह जिन दुकानों में परोसे जाते हैं वो पीढ़ियों से खाने के शौकीन लोगों की मेजबानी कर रही हैं. मोहम्मद शाकिर की इस दुकान पर 1947 से भी पहले से कबाब परोसे जा रहे हैं. डीडब्ल्यू को उन्होंने बताया, "हमने सब कुछ देखा है. महामारी ना मेरे व्यापार को चोट पहुंचा पाई और ना उसे चलाने के मेरे जोश को."
1884 से मुंह मीठा कराते हुए
दिल्ली की सबसे मशहूर जलेबी पुरानी दिल्ली की ही इस दुकान में मिलती है. इस दुकान की शुरुआत 1884 में हुई थी और आज भी यहां ग्राहकों का आना लगा ही रहता है. इतने सालों में यहां कुछ खास बदला नहीं, सिवाए इसके कि दुकान के मालिक अब मास्क और दस्ताने पहन कर जलेबी बेचते हैं.
गरीबों का ख्याल भी
पुरानी दिल्ली की कई खाने-पीने की दुकानों पर गरीबों को भी खाना खिलाया जाता है. महामारी की वजह से भोजन की तलाश में यहां आने वाले भूख से तड़पते लोगों की संख्या तो बढ़ गई है, लेकिन उससे दुकान के मालिकों के जज्बे पर कोई असर नहीं पड़ा है.
चांदनी चौक की तंग गलियां
चांदनी चौक की पुरानी गलियां ही उसकी पहचान है, लेकिन अब यहां का रूप बदल रहा है. कुछ स्थानीय लोगों का दावा है कि महामारी ने बिल्डरों को यहां के पुराने मकान गिरा देने का बहाना दे दिया है. बिल्डर खास कर उन मकान-मालिकों को निशाना बना रहे हैं जिनके पास महामारी की वजह से पैसों की कमी हो गई है.
कश्मीरियों के लिए पनाहगाह
पुरानी दिल्ली में कई कश्मीरी आते हैं, चाहे नौकरी की तलाश में या कश्मीरी भोजन और मसाले बेचने. हामिद कश्मीर में शिक्षकों के लिए बेहतर हालात सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने डीडब्ल्यू को बताया, "हम दूर दराज के इलाकों में काम करते हैं बावजूद इसके कि हमारे पास एक अच्छे भविष्य, नियमित नौकरी और कमाई की कोई गारंटी नहीं है. हम अपनी आवाज सुनाने यहां आए हैं."
लाल किले के बंद दरवाजे
पुरानी दिल्ली के बीचों-बीच है ऐतिहासिक लाल किला, जहां मुगल बादशाह शाह जहां आगरा से अपनी राजधानी दिल्ली लाने के बाद रहते थे. जनवरी 2021 में किसानों के प्रदर्शन के बीच यहां हिंसा हो गई थी. तब से यहां बैरियर लग गए हैं और पर्यटकों का किले के अंदर जाना मना हो गया है.
__________________________
हमसे जुड़ें: Facebook | Twitter | YouTube | GooglePlay | AppStore