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अपनी संपत्ति बेचेगी किंगफिशर

१४ नवम्बर २०११

खस्ताहाल हो चुकी भारतीय एयरलाइन कंपनी किंगफिशर अपने खर्चों में भारी कटौती करेगी. सरकार से आर्थिक पैकेज मांगने के बाद किंगफिशर की खासी आलोचना हो रही है. स्टेट बैंक ने भी कड़ा रुख अपनाया.

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Kingfisher Airlines aircraft stands at the Chhatrapati Shivaji domestic airport in Mumbai, India, Thursday, May 20, 2010. The Lucknow-bound flight was grounded on Thursday evening after the airlines received an anonymous call about the presence of a bomb on the plane. The warning turned hoax. (AP Photo/Rafiq Maqbool)
तस्वीर: AP

किंगफिशर एयरलाइन्स में सबसे ज्यादा पैसा भारतीय स्टेट बैंक का लगा हुआ है. एसबीआई ने साफ कहा कि अगर किंगफिशर को उससे और पैसा चाहिए तो एयरलाइन को 800-1000 करोड़ की पूंजी जुटानी होगी. किंगफिशर को कर्ज देने के मसले पर एसबीआई के निदेशक हेमंत कॉन्ट्रैक्टर ने कहा, "हमें कंपनी की व्यवहारिकता से संतुष्ट होना पड़ेगा. अगर कंपनी की कार्यप्रणाली व्यवहारिक नहीं है तो ढांचे में बदलाव करने का कोई मतलब नहीं है. अगर वह चाहते हैं कि बैंक ढांचे में बदलाव की दरख्वास्त मानें तो हमने उनसे कह दिया है कि वह कुछ नए फंड के साथ आएं"

किंगफिशयर एयरलाइंस के ऊपर इस वक्त 7,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज है. कर्ज के संकट से निकलने का रास्ता सुझाते हुए एसबीआई निदेशक ने कहा, "इस बात पर भी चर्चा हुई है कि वे अपनी कुछ संपत्ति बेच दें. अगर वे ऐसा करते हैं तो अच्छा है. वरना उन्हें कोई और रास्ता तलाशना होगा."

Indien Vijay Mallya
किंगफिशर एयरलाइंस के संस्थापक विजय माल्यातस्वीर: UNI

ऐसी खबरें हैं कि अब किंगफिशर अपनी संपत्ति का बड़ा हिस्सा बेचने जा रही है. रिपोर्टें हैं कि कंपनी बैंगलोर का अपना मुख्यालय किंगफिशर हाउस बेचने की तैयारी कर रही है. कंपनी कर्ज को आधा घटाना चाहती है. मुंबई में कंपनी के बोर्ड की मीटिंग भी हो रही है.

किंगफिशर को एसबीआई और आईसीआईसी बैंक करीब 7,000 करोड़ रुपये कर्ज दे चुके हैं. ऐसी स्थिति में अगर किंगफिशर डूबती है तो बैंकों को भी करारा झटका लगेगा. हालांकि बैंक अपनी रकम किसी न किसी तरह वसूल लेंगे लेकिन रकम पूरी मिल जाए, इसकी गारंटी नहीं है.

पिछले हफ्ते किंगफिशर के संस्थापक और शराब कारोबारी विजय माल्या ने सरकार से बेलआउट पैकेज की मांग की. माल्या की इस मांग का नेताओं और कुछ उद्योपतियों ने जोरदार विरोध किया. बजाज ऑटो के अध्यक्ष राहुल बजाज ने तो सीधे शब्दों में कह दिया कि, "यह मुक्त बाजार वाली अर्थव्यवस्था है, जो मर रहे हैं उन्हें मर ही जाना चाहिए."

2005 में शुरू हुई किंगफिशर एयरलाइंस आज तक कभी मुनाफा नहीं कमा सकी है. संकट अब इस कदर बढ़ चुका है कि बीते हफ्ते कंपनी को करीब 200 उड़ानें रद्द करनी पड़ी. किंगफिशर को तेल, तनख्वाह और एयरपोर्ट शुल्क देने के भी लाले पड़ रहे हैं.

रिपोर्ट: पीटीआई/ओ सिंह

संपादन: ईशा भाटिया

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