अन्ना भी बैठेंगे अनशन पर
२४ जुलाई २०१२टीम अन्ना के सदस्य बुधवार को दिल्ली में ऐसे दिन अनशन की शुरुआत कर रहे हैं, जिस दिन प्रणब मुखर्जी को भारत के नए राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ले रहे हैं. टीम अन्ना के सदस्य नीरज कुमार ने डॉयचे वेले से बातचीत में बताया, "शुरू में अन्ना का अनशन में बैठने का कार्यक्रम नहीं था. लेकिन बाद में उन्होंने सरकार को मांगें मानने के लिए 28 जुलाई तक का अल्टीमेटम दिया है और तय किया है कि अगर तब तक उनकी बात नहीं मानी गई, तो वह भी अनशन पर बैठ जाएंगे."
जन लोकपाल बिल को लेकर अन्ना पिछले साल भी अनशन पर बैठे लेकिन फिर भी बिल पास नहीं हो पाया. हालांकि दिल्ली और मुंबई में उनके कार्यक्रम में भारी भीड़ जमा हुई. कुमार ने बताया, "एक बार फिर से दिल्ली में लोग अन्ना हजारे के साथ जमा हो चुके हैं. एक दिन पहले से ही अनशन का समर्थन कर लोगों की हजारों गाड़ियां राजधानी दिल्ली पहुंच चुकी हैं."
कुमार ने बताया, "सुबह 10 बजे राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बाद अन्ना हजारे राजघाट जाएंगे. उसके बाद वह जंतर मंतर जाएंगे और अनशनकारियों के साथ बैठेंगे." उन्होंने बताया कि भारत के कुल 280 शहरों में धरना और अनशन शुरू हो रहा है. दिल्ली प्रशासन ने फिलहाल 15 दिनों तक टीम अन्ना को जंतर मंतर पर अनशन की इजाजत दी है.
पहले हजारे ने कहा था कि वह अनशन नहीं करेंगे. लेकिन मंगलवार को टीम अन्ना के सदस्य अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया, "अन्ना दिल्ली पहुंचे. वे कह रहे हैं कि वे भी भूख हड़ताल करेंगे." फिलहाल अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और गोपाल राय जंतर मंतर पर भूख हड़ताल पर बैठ रहे हैं.
पहले अन्ना हजारे ने कहा था कि वे स्वास्थ्य संबंधी मुश्किलों के कारण भूख हड़ताल पर नहीं बैठेंगे. लेकिन उनके तीन साथी विशेष जांच टीम बनाने की मांग के समर्थन में अनशन करेंगे. टीम अन्ना ने भारत सरकार के मंत्रियों के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच के लिए एसआईटी बनाने के अलावा सांसदों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाने और मजबूत लोकपाल बिल लाने की भी मांग की है.
इससे पहले एक वीडियो संदेश में हजारे ने सरकार को तीन चार दिनों के अंदर उनकी मांगों पर फैसला करने को कहा. पहले से रिकॉर्ड किए गए अपने संदेश में उन्होंने कहा, "देखें कि सरकार अनशन के दौरान क्या करती है. यदि सरकार आंदोलन के पहले तीन चार दिनों में कोई फैसला नहीं लेती तो मैं देश भर में लोगों से जेल भरो आंदोलन शुरू करने को कहूंगा."
अन्ना हजारे ने कहा कि देश के किसी जेल को खाली नहीं रहना चाहिए. उन्होंने देश के लिए जेल जाने को जिंदगी के लिए सम्मान बताया. हजारे ने कहा कि लोगों को इस आंदोलन को आजादी की दूसरी लड़ाई समझना चाहिए क्योंकि सरकार मजबूत लोकपाल बिल लाने और भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कुछ नहीं कर रही है.
अन्ना हजारे ने आरोप लगाया है कि सरकार लोकपाल बिल इसलिए नहीं ला रही है कि 35 मंत्रियों में से 15 के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप हैं. उन्होंने उनके खिलाफ जांच करने और दोषी पाए जाने पर सजा देने की मांग की. उन्होंने कहा कि हमारे पास सिर्फ आंदोलन का विकल्प बचा है.
एमजे/एजेए (पीटीआई)