अधिकारी पढ़ाएंगे छात्रों को विदेश नीति
२० दिसम्बर २०१७मिशन समीप का पूरा नाम है, "स्टूडेंट्स एंड मिनिस्ट्री ऑफ एक्सटर्नल अफेयर इनगेजमेंट प्रोग्राम." मंत्रालय ने इस मिशन के तहत, अपने सभी अधिकारियों से कहा है कि वे अपने गांव-शहरों की यात्रा करें, खासकर उन स्कूल और कॉलेजों में जाएं जहां उन्होंने पढ़ाई की. कार्यक्रम है कि इन यात्राओं के दौरान अधिकारी स्कूली बच्चों और कॉलेज में पढ़ने वाले छात्रों से मुखातिब हों और उन्हें मंत्रालय के कार्यों की बारीकियों के बारे में विस्तार से बताएं. कार्यक्रम का मकसद है छात्रों को भारतीय विदेश नीति की प्राथमिकताओं के बारे में बताना. साथ ही उन्हें समझाना कि असल में ये नीतियां कैसे काम कैसे करती है. हालांकि ये कार्यक्रम फिलहाल अधिकारियों के लिए ऐच्छिक है. इसके तहत वे अपने पुराने स्कूल और कॉलेजों के अतिरिक्त अपने इलाके के किसी भी स्कूल-कॉलेज में जा सकेंगे.
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक इस पहल का उद्देश्य छात्रों की वैश्विक राजनीति और भारतीय नीतियों की ओर रुचि पैदा करना है, ताकि छात्र भविष्य में कूटनीति को एक करियर विकल्प के रूप में चुनने का फैसला कर सकें. कुछ ऐसा ही कार्यक्रम आईएएस अधिकारियों के लिए भी तैयार किया गया था. इस कार्यक्रम में ये अधिकारी उन क्षेत्रों में गए जहां उनकी पहली नियुक्ति हुई थी. इसके बाद उन्होंने उस क्षेत्र से जुड़ी विकास संबंधी रिपोर्ट और अपनी सिफारिशें दीं.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार के मुताबिक, "इस कार्यक्रम के जरिये भारत के स्कूल और कॉलेजों में पढ़ने वाले बच्चों को मंत्रालय के कामों से रुबरू कराना है. साथ ही उन्हें विदेश नीति के तत्वों के बारे में बताना है." उन्होंने कहा कि वे युवाओं को जमीनी कार्यों से जोड़ना चाहते हैं. कुमार ने बताया कि विदेश मंत्रालय ने सोशल मीडिया पर, "आस्क द स्पोकपर्सन" नाम से एक कार्यक्रम शुरू किया है जिसमें कोई भी व्यक्ति भारतीय विदेश नीति से जुड़े सवाल पूछ सकता है.