तुर्की में तख्तापलट नाकाम क्यों हुआ था?
तुर्की में तख्ता पलट की यह कोई पहली कोशिश नहीं थी. इससे पहले चार बार तख्तापलट हो चुका है. लेकिन 2016 में यह विफल हो गया था. क्यों? जानिए...
हैरतअंगेज कदम
15 जुलाई को तुर्की की राजधानी अंकारा में सैनिकों की बगावत ने पूरी दुनिया को हैरान कर दिया था. किसी ने सपने में भी नहीं सोचा था कि तख्तापलट की इस तरह की कोशिश हो सकती है.
20 साल बाद
20 साल पहले 1997 में तुर्की में पिछली बार तख्तापलट हुआ था. लेकिन 2016 में ऐसा नहीं हो पाया. क्या तैयारी नहीं थी?
इरादा तो बड़ा था
जानकारों का मानना है कि तैयारी पूरी थी और बागियों ने रणनीति भी ठोस बनाई थी. इस रणनीति को अंजाम भी सलीके से दिया गया था. फिर भी वे विफल हो गए. क्यों?
औचक और तेज हमला
बागियों ने तेजी से कार्रवाई की. वे चौंकाने में भी कामयाब रहे. देश के तीन चार-स्टार जनरल इसके पीछे थे. तैयारी पूरी थी.
12 बागी टीमें
12 बागी टीमों को अलग अलग जगहों पर नियंत्रण के लिए भेजा गया था. तीनों सैन्य प्रमुखों को हिरासत में ले लिया गया था. रेडियो और टेलिविजन चैनल पर भी कब्जा कर लिया गया. लेकिन गलती कहां हुई?
तीन बड़ी गलतियां
बागियों ने तीन बड़ी गलतियां कीं. एक तो वे राष्ट्रपति एर्दोआन को काबू करने में देर कर बैठे. एर्दोआन कुछ ही मिनट पहले निकल भागने में कामयाब रहे थे.
महल पर नाकामी
दूसरी सबसे बड़ी गलती थी, अंकारा में राष्ट्रपति महल पर कब्जे में ढील. ऐसा लगता है कि बागी महल के सुरक्षाकर्मियों की ताकत को पूरी तरह आंक नहीं पाए. सुरक्षाकर्मियों ने महल पर हमले का करारा जवाब दिया और उन्हें वहीं हरा दिया.
पुलिस से दूरी
तीसरी गलती पुलिस के साथ निपटने में हुई. बागियों ने पुलिस को अपने साथ नहीं मिलाया था. हालांकि शुरू में पुलिस निष्पक्ष होकर सिर्फ देख रही थी. लेकिन जैसे ही यह स्पष्ट हो गया कि बागी हार रहे हैं, पुलिस ने पूरी ताकत से उन्हें कुचल दिया.
कट्टरपंथियों को छोड़ दिया
एक गलती धार्मिक कट्टरपंथियों के मामले में भी हुई थी. बागियों ने उन पर नियंत्रण नहीं किया. नतीजतन देशभर की मस्जिदों से उनके खिलाफ फरमान जारी हो गए और लोग उनके विरोध में निकल आए.
नेताओं पर ढील
बागी तत्कालीन प्रधानमंत्री बिनाली यिल्दरिम और गृह मंत्री एफकान एला को भी गिरफ्तार नहीं कर पाए थे. वे गृह मंत्रालय पर भी कब्जा नहीं कर पाए थे.
टीवी चैनलों पर ढील
निजी टीवी चैनलों पर कब्जा न करना भी बागियों की बड़ी गलती साबित हुई थी. इन टीवी चैनलों से उनके खिलाफ खूब प्रचार हुआ था.