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पानी की क्वॉलिटी सुधारने के लिए ब्रेड

४ जनवरी २०१६

खेती और पशुपालन से नाइट्रेट निकलता है. अत्यधिक नाइट्रेट भूजल को नकसान पहुंचाता है. जर्मनी में भी यह समस्या है. समस्या का हल निकालने के लिए लोवर फ्रैंकोनिया में किसान, बेकर और जलापूर्ति कंपनियां साथ आई हैं.

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Bildergalerie Fasten Brot und Wasser
तस्वीर: picture-alliance/dpa

लोवर फ्रैंकोनिया की जमीन में देश के दूसरे इलाकों के बनिस्पत ज्यादा नाइट्रेट है. इससे परेशान होकर इलाके के किसान, बेकर और पानी कंपनियां मिलजुकर एक विशेष ब्रेड के जरिए पेयजल की क्वॉलिटी सुधार रहे हैं. हल एक तरह से आसान है. बेकर मथियास एंगेल अखरोट और गाजर वाली ब्रेड बनाते हैं, तो वे इसके लिए सिर्फ ऐसा आटा लेते हैं जिसे उपजाने में ज्यादा खाद का इस्तेमाल न किया गया हो. लेकिन इसे बनाना आसान नहीं क्योंकि इसमें प्रोटीन की मात्रा कम होती है, इसलिए गुंथे हुए आटे की कंसिस्टेंसी कम होती है. उसे ज्यादा गूंथने की जरूरत होती है. मथियास बताते हैं कि इसमें समय ज्यादा लगता है.

वे पहले नानबाई हैं जिन्होंने 2014 में इस अनोखे प्रोजेक्ट में हिस्सा लिया था. इस बीच इलाके के बेकिंग उद्योग की दर्जन भर कंपनियां, तीन किसान और तीन जलापूर्ति कंपनियां इस प्रोजेक्ट में शामिल हैं. प्रोजेक्ट की शुरुआत लोवर फ्रेंकोनिया के प्रशासन ने की है. पेयजल संरक्षण परियोजना के प्रमुख क्रिस्टियान गुशकर कहते हैं, "लोवर फ्रेंकोनिया भूमि में सबसे ज्यादा नाइट्रेट वाला इलाका है, हालांकि यहां जर्मनी के दूसरे इलाकों की तुलना में सबसे कम तरल खाद का इस्तेमाल किया जाता है."

लोवर फ्रेंकोनिया की जमीन में नाइट्रेट की मात्रा अधिक होने की वजह यह है कि यहां अपेक्षाकृत कम बरसात होती है. साथ ही जमीन समतल है और मिट्टी ऐसी कि उसमें खाद तेजी से बिना फिल्टर हुए अंदर चला जाता है और पेयजल में मिल जाता है. इसलिए सरकार ने समस्या की जड़ में ही कुछ करने का फैसला किया और किसानों को समझाने की कोशिश की. इस बीच इलाके के तीन किसान तीन बार के बदले सिर्फ दो बार फसल में खाद देते हैं. इसका फसल में प्रोटीन की मात्रा पर असर होता है. कम प्रोटीन वाले गेहूं के लिए उन्हें चक्कियों से कम कीमत मिलती है. इसकी भरपाई पानी की कंपनियां करती हैं. वे किसानों को खाद के कम इस्तेमाल के लिए प्रति हेक्टर 150 यूरो की फीस देते हैं.

इसका असर दिखने लगा है. फ्रांकोनिया में पानी की सप्लाई करने वाली कंपनी के हरमन लोएनर बताते हैं, "सुल्सफेल्ड का जल संरक्षित क्षेत्र 90 के दशक में समस्या वाला इलाका हुआ करता था. अब हम पिछले 15 सालों में नाइट्रेट की मात्रा 40 मिलीग्राम प्रति लीटर लाने में सफल हुए हैं." जर्मनी के पर्यावरण संरक्षण संघ बुंड नाटुअरशुत्स के लिए यह पानी की सुरक्षा की ओर पहला कदम है. संस्था की मारियॉन रुपानर कहती हैं, "यह सही दिशा में उठाया गया कदम है, लेकिन बायो ब्रेड जिसमें किसी खाद का इस्तेमाल न हुआ हो, ज्यादा अच्छा है."

एमजे/आईबी (डीपीए)