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शंघाई में ब्रिक्स बैंक का मुख्यालय

१४ जुलाई २०१४

ब्रिक्स देशों के विकास बैंक का मुख्यालय चीन की आर्थिक राजधानी शंघाई में होगा. सदस्य देशों के बीच इस बात की चिंता है कि चीन कहीं इसका इस्तेमाल सिर्फ अपने हितों के लिए न करें. भारत सबकी बराबर भागीदारी की बात कर रहा है.

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तस्वीर: Reuters

ब्राजील, चीन, भारत, रूस और दक्षिण अफ्रीका के नेता मंगलवार को ब्राजील में हो रही शिखर भेंट में ब्रिक्स विकास बैंक की स्थापना पर मुहर लगाने जा रहे हैं. दो साल की माथापच्ची के बाद बैंक का प्रस्ताव अब अमल में आने को तैयार है. पिछले हफ्ते रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सलाहकार यूरी उशाकोव ने कहा कि बैंक का मुख्यालय शंघाई में होगा. पहले भारत और चीन में मुख्यालय को लेकर प्रतिस्पर्द्धा थी. उशाकोव ने कहा, "बैंक का मुख्यालय शंघाई में होगा. दस्तावेज में यह बात तय हो गई है."

भारत की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं. ब्राजील में उनकी मुलाकात रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, ब्राजीलियाई राष्ट्रपति डिल्मा रूसेफ और दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति जैकब जूमा से होगी. मोदी का यह पहला बड़ा अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन है. इस बीच भारत ने साफ कर दिया है कि वो विकास बैंक में सभी देशों की बराबर भागीदारी की मांग करेगा. भारतीय पक्ष की चिंता थी कि किसी एक देश के पास ज्यादा ताकत न हो और बैंक का ऐसा नाम रखा जाए कि गैर ब्रिक्स देश भी भविष्य में इससे जुड़ सकें.

Bhutan - Indiens Premierminister Narendra Modi zu Besuch
भूटान के बाद मोदी का दूसरा अंतरराष्ट्रीय दौरातस्वीर: Getty Images

बैंक का नाम न्यू डेवलपलमेंट बैंक होगा. नरेंद्र मोदी ने इस नाम पर अपनी मुहर लगा दी है. शुरुआत में बैंक में 50 अरब डॉलर डाले जाएंगे. इसमें सभी देशों की बराबर की भागीदारी होगी. इस बैंक के सहारे ब्रिक्स देश अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में अपने हित साध सकेंगे. अब तक दुनिया भर में वर्ल्ड बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का ही बोलबाला है. लंबे समय से ये दोनों संस्थाएं अमेरिका और यूरोपीय देशों के प्रभाव में हैं.

चीनी अर्थव्यवस्था ब्रिक्स के बाकी तीन देशों की कुल अर्थव्यवस्था से भी बड़ी है. ऐसे में आशंका जताई जा रही थी कि बीजिंग कहीं इसका इस्तेमाल सिर्फ अपने हित के लिए न करे. ब्रिक्स के सामने एक चुनौती भारत और चीन के संबंध भी रहते हैं. दोनों देशों के बीच लंबा सीमा विवाद है. आपसी कारोबार भी पूरी तरह से चीन के पक्ष में झुका हुआ है. इन मतभेदों के बीच भारत और चीन में नए नेताओं ने सत्ता की कमान संभाली है. उम्मीद की जा रही है कि वो पुरानी बीमारियों का कारगर इलाज खोज पाएंगे.

बैंक किस तरह निजी परियोजनाओं में पैसा लगाएगा, इसके नियम ब्राजील के शहर फोरटालेजा में हो रहे सम्मेलन में तय होंगे. माना जा रहा है कि बैंक से पहला कर्ज 2016 तक मिलेगा. बैंक में 100 अरब डॉलर का अतिरिक्त फंड भी रखा जाएगा. किसी सदस्य देश से अचानक विदेशी निवेश निकलने पर इस रकम से भरपाई की जाएगी.

ओएसजे/एमजे (रॉयटर्स)