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यूएन की चेतावनी: आर्थिक सहायता नहीं तो और भड़केगी भूख की आग

१३ सितम्बर २०२३

विश्व खाद्य कार्यक्रम के मुताबिक उसे दुनिया भर में भूख से पीड़ित लोगों की मदद करने में गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

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धन की कमी से जूझता विश्व खाद्य कार्यक्रम
धन की कमी से जूझता विश्व खाद्य कार्यक्रमतस्वीर: Ibraheem Abu Mustafa/REUTERS

विश्व खाद्य कार्यक्रम के मुताबिक दुनिया भर में गंभीर भूख से पीड़ित लाखों लोगों की मदद करने में उसे बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. संगठन ने कहा है कि उसे उपलब्ध वित्तीय संसाधनों में 60 प्रतिशत से अधिक की कमी का सामना करना पड़ रहा है.

संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) ने कहा कि उसे उन देशों की सरकारों से धन की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है जो वित्तीय संसाधन प्रदान करते हैं. दुनिया भर में भूखे लोगों को राशन देने में उसे मजबूरन कटौती करनी पड़ी है.

डब्ल्यूएफपी के मुताबिक विभिन्न संकटों के नतीजतन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भूख से पीड़ित लोगों की संख्या इतनी बढ़ गई है कि अगर दानकर्ता देशों द्वारा प्रदान की जाने वाली धनराशि में एक प्रतिशत भी कमी कर दिया जाए, तो लगभग 4,00,000 लोग भूख से पीड़ित होंगे.

भुखमरी का गंभीर खतरा

डब्ल्यूएफपी ने कहा है कि उसे धन की कमी का सामना करना पड़ रहा है जो संगठन के 60 साल के इतिहास में अभूतपूर्व है. इसके अलावा यह कटौती ऐसी स्थिति में देखी जा रही है जब इस वैश्विक कार्यक्रम की वित्तीय जरूरतें लगातार बढ़ रही हैं, लेकिन इसके लिए उपलब्ध संसाधन कम होते जा रहे हैं.

बेहद गरीबी से लड़ने के लिए विश्व बैंक को पूंजी की आवश्यकता है. इन परिस्थितियों के परिणामस्वरूप ही डब्ल्यूएफपी को अपने लगभग आधे सहायता अभियान निलंबित करने के लिए मजबूर होना पड़ा है.

अफगानिस्तान, सीरिया, सोमालिया और हैती उन संकटग्रस्त देशों में से हैं जहां इस कमी ने लाखों लोगों को सबसे अधिक प्रभावित किया है.

दानकर्ता देशों द्वारा प्रदान की जाने वाली धनराशि में एक प्रतिशत भी कमी कर दिया जाए, तो लगभग 4,00,000 लोग भूख से पीड़ित होंगे
दानकर्ता देशों द्वारा प्रदान की जाने वाली धनराशि में एक प्रतिशत भी कमी कर दिया जाए, तो लगभग 4,00,000 लोग भूख से पीड़ित होंगेतस्वीर: Amr Alfiky/REUTERS

अगले साल भी जारी रह सकता है संकट

यूएन एजेंसी की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक एक जोखिम यह भी है कि अगर धन की कमी की मौजूदा स्थिति जारी रही, तो अगले साल विभिन्न देशों में 2.4 करोड़ लोग आपातकालीन आधार पर भूख की समस्या से पीड़ित होंगे.

विश्व खाद्य कार्यक्रम की कार्यकारी निदेशक सिंडी मैक्केन द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक इंसानी भूख का स्तरऔर संक्रमित लोगों की संख्या वर्तमान में रिकॉर्ड स्तर पर है, इसलिए दाता देशों को अपनी वित्तीय सहायता कम करने के बजाय और बढ़ाया जाना चाहिए.

उन्होंने कहा, "अगर हमें प्रभावित लोगों को अधिक विनाशकारी स्थितियों से बचाने के लिए हमारे संगठन को आवश्यक सहायता नहीं मिलती है, तो इसमें कोई संदेह नहीं है कि भविष्य में दुनिया भर में संघर्ष, अशांति और भुखमरी बढ़ेगी."

सिंडी मैक्केन ने अपनी अपील में यह भी कहा, "हम या तो अभी वैश्विक अस्थिरता की आग को भड़का सकते हैं या हम इस व्यापक आग को जल्द से जल्द बुझाने के लिए मिलकर काम कर सकते हैं."

एए/वीके (एपी, डीपीए )