1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

रूस ने बेलारूस में तैनात किए टैक्टिकल परमाणु हथियार

२६ मई २०२३

रूस ने बेलारूस में टैक्टिकल परमाणु हथियारों की तैनाती शुरू कर दी है. बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जांडर लुकाशेंको ने यह जानकारी दी. अमेरिका ने इस कदम की आलोचना की है लेकिन इसे हथियारों के इस्तेमाल का संकेत नहीं माना है.

https://p.dw.com/p/4RqId
टैक्टिकल परमाणु हथियार युद्ध में इस्तेमाल किये जा सकते हैं
टैक्टिकल परमाणु हथियार रणनीतिक हथियारों की तुलना में छोटे होते हैंतस्वीर: Igor Sarembo/dpa/picture alliance

अलेक्जांडर लुकाशेंको के मुताबिक रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात के बाद हथियारों की संख्या और तैनाती की जगह तय कर दी गई. मास्को में पत्रकारों से बातचीत में हालांकि लुकाशेंको ने इनका ब्यौरा नहीं दिया, "मैं उनकी संख्या और तैनाती के बारे में जानकारी नहीं दे सकता." बेलारूसी राष्ट्रपति ने बताया कि पुतिन ने इस बारे में ठोस फैसले लिए और इसके लिए एक अध्यादेश पर दस्तखत किया.

लुकाशेंको का कहना है कि टैक्टिकल परमाणु हथियारपुतिन के आदेश के मुताबिक पहले ही तैनाती के लिए निकल चुके हैं. दूसरे पू्र्व सोवियत देशों के नेताओं के साथ मॉस्को में मुलाकात के बात लुकाशेंको ने पत्रकारों से कहा, "परमाणु हथियारों को लाने का काम पहले ही शुरू हो चुका है." यह पूछने पर कि क्या परमाणु हथियार बेलारूस पहुंच चुके हैं, लुकाशेंको ने कहा, "शायद, मैं जल्दी ही चेक करके बताउंगा." हालांकि रूसी राष्ट्रपति कार्यालय की तरफ से इस बात की पुष्टि नहीं की गई है.

पहले मिली जानकारियों के मुताबिक ये परमाणु हथियार पोलैंड से लगती सीमा पर तैनात किए जा रहे हैं. 1991 में सोवियत संघ के पतन के बाद पहली बार रूसी परमाणु हथियारों को देश के बाहर तैनात किया गया है. 

रूसी हथियारों को बेलारूस में तैनात किया गया है
बेलारूस के राष्ट्रपति आलेक्जांडर लुकाशेंको ने हथियारों की तैनाती की जानकारी दी हैतस्वीर: Belarus' Presidential Press Office/AP/picture alliance

अमेरिका की प्रतिक्रिया

अमेरिकी विदेश विभाग ने परमाणु हथियारों की तैनाती की आलोचना की है हालांकि अमेरिका का यह भी कहना है कि वह रणनैतिक परमाणु हथियारों पर अपनी स्थिति में कोई बदलाव नहीं कर रहा है. अमेरिका का यह भी कहना है कि वह इसे रूस के परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की तैयारी का संकेत नहीं मान रहा है. 

अमेरिका में विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने परमाणु हथियारों की तैनाती की योजना को, "एक साल पहले यूक्रेन पर हमले के साथ जो रूस का गैरजिम्मेदाराना रवैया सामने आया उसका ताजा उदाहरण" कहा है. मिलर ने अमेरिका की उस चेतावनी को दोहराया है कि युद्ध में रासायनिक, जैविक या परमाणु हथियारों के इस्तेमाल के "गंभीर नतीजे" होंगे. हालांकि ये नतीजे क्या होंगे यह नहीं बताया गया है.

"पश्चिम का अघोषित युद्ध"

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का कहना है कि 15 महीने पहले यूक्रेन में रूसी सेना भेजने के बाद अमेरिका और उसके सहयोगी देश रूस के खिलाफ छद्म युद्ध लड़ रहे हैं और लड़ाई को विस्तार दे रहे हैं. परमाणु हथियारों की तैनाती की योजना इसी साल 25 मार्च को पुतिन ने रूस के सरकारी टीवी चैनल के साथ बातचीत में बताई थी.

रूसी रक्षा मंत्री सर्गेइ शोइगु ने मिंस्क में बेलारूसी रक्षा मंत्री के साथ मुलाकात में कहा, "सम्मिलित पश्चिम हमारे देशों के खिलाफ वास्तव में एक अघोषित युद्ध छेड़ रहा है." शोइगु ने यह भी कहा कि पश्चिमी देश यूक्रेन के साथ सशस्त्र संघर्ष को फैलाने और लंबा करने के लिए जो कर सकते हैं वो सब कर रहे हैं."

पुतिन का कहना है कि पश्चिमी देश यूक्रेन के साथ जंग को लंबा खींच रहे हैं
रूसी राष्ट्रपति ने इसी साल मार्च में इन हथियारों की तैनाती की घोषणा की थीतस्वीर: Mikhail Klimentyev/Kremlin/Sputnik/REUTERS

पुतिन बार बार यह चेतावनी देते रहे हैं कि रूस खुद को बचाने के लिए सारे उपायों का सहारा लेगा. रूस के पास किसी भी देश की तुलना में सबसे ज्यादा परमाणु हथियार हैं और यूक्रेन युद्ध को पुतिन रूस के लिए आक्रामक पश्चिमी देशों के खिलाफ अस्तित्व की लड़ाई करार देते हैं.

अमेरिका और उसके सहयोगी देशों का कहना है कि वे यूक्रेन को रूसी सेना पर युद्ध के मैदान में विजय पाते देखना चाहते हैं. हालांकि वो रूस को तबाह करने की इच्छा से इनकार करते हैं. वो इस बात से भी इनकार करते हैं कि यूक्रेन का युद्ध नाटो के विस्तार का नतीजा है.

बेलारूस की सीमा नाटो के तीन सदस्य देशों से लगती है, इनमें पोलैंड, लिथुआनिया और लातविया शामिल हैं. बेलारूस में तैनात परमाणु हथियारों का नियंत्रण रूस के हाथ में होगा.

टैक्टिकल परमाणु हथियारों में रूसी दबदबा

टैक्टिकल परमाणु हथियार युद्ध के मैदान में टैक्टिकल बढ़त के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं.  ये रूस और अमेरिका के शहरों को तबाह करने की क्षमता रखने वाले रणनैतिक परमाणु हथियारों की तुलना में छोटे और कम ताकत वाले होते हैं. रूस इन हथियारों की संख्या के लिहाज इस मामले में अमेरिका और यूरोप से आगे है. अमेरिका का मानना है कि रूस के पास ऐसे 2000 टैक्टिकल परमाणु हथियार हैं. अमेरिका के पास 200 टैक्टिकल परमाणु हथियार हैं इनमें से करीब आधे यूरोप में अमेरिकी सैनिक अड्डों पर तैनात हैं.

शोइगु ने बताया है कि इसकंदर एम मिसाइलें बेलारूसी सेना को दी गई हैं. ये मिसाइलें पारंपरिक और परमाणु हथियार ढोने में सक्षम हैं. इसके साथ ही कुछ  सुखोई-25 लड़ाकू विमानों को परमाणु हथियारों को ले जाने में सक्षम बनाया गया है. शोइगु के हवाले से रूसी रक्षा मंत्रालय ने जानकारी दी है, "बेलारूसी सैनिकों ने जरूरी ट्रेनिंग कर ली है."

अमेरिका का कहना है कि दुनिया 1962 के क्यूबा मिसाइल संकट के बाद पहली बार सबसे अधिक परमाणु खतरे का सामना कर रही है. इसके लिए यूक्रेन युद्ध के दौरान पुतिन के बयानों को जिम्मेदार बताया गया है हालांकि रूस का कहना है कि उसकी स्थिति के बारे में गलत धारणा बनाई गई है. 

सोवियत संघ ने परमाणु हथियारों के अप्रसार संधि पर दस्तखत किए थे. इसमें कहा गया है कि कोई भी परमाणु हथियार से संपन्न देश परमाणु हथियार और तकनीकों को किसी बिना परमाणु हथियार वाले देश को नहीं दे सकता है. हालांकि इसमें हथियारों को सीमा के बाहर ले जाकर अपने नियंत्रण में तैनात करने की छूट दी गई है. रूस सोवियत संघ के टूटने के बाद बचा सबसे बड़ा देश है.

एनआर/एमजे (रॉयटर्स, डीपीए)