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राजनीतिसंयुक्त राज्य अमेरिका

व्हाइट हाउस में ट्रक चढ़ाने वाले भारतीय ने कबूला गुनाह

१४ मई २०२४

अमेरिका के मिजूरी में रहने वाले भारतीय नागरिक ने वॉशिंगटन में व्हाइट हाउस के बैरियर को जानबूझकर टक्कर मारने का दोष कबूल कर लिया है.

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व्हाइट हाउस
व्हाइट हाउस के बैरियर पर टक्कर तस्वीर: Nathan Howard /REUTERS

20 साल के भारतीय नागरिक साई वर्षित कंडूला ने व्हाइट हाउस के बैरियर पर ट्रक चढ़ाने का दोष कबूल कर लिया है. कंडूला ने पिछले साल मई में व्हाइट हाउस के बैरियर पर ट्रक चढ़ा दिया था. इस घटना में कोई घायल नहीं हुआ था.

मिजूरी राज्य में रहने वाले 20 साल के कंडूला ने अधिकारियों से हुए एक समझौते के तहत अपना दोष कबूल किया है. उसने माना है कि उसने ट्रक से जानबूझकर टक्कर मारी थी क्योंकि वह "नवनाजी की विचारधारा से प्रभावित था" और अमेरिकी सरकार का तख्ता पलट करना चाहता था.

कंडूला पर सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का मामला दर्ज हुआ था. इस दोष में उसे 10 साल की कैद हो सकती है. कंडूला को सजा अगस्त में सुनाई जाएगी.

तख्तापलट करना चाहता था

अधिकारियों से बातचीत में कंडूला ने माना कि उसने इस मंशा से बैरियर पर ट्रक चढ़ाया था कि वह "लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकार को नात्सी जर्मनी की विचारधारा से प्रेरित तानाशाही में बदल सके और खुद को अमेरिका का शासक बना सके.”

जब कंडूला को गिरफ्तार किया गया तो वह नवनाजी झंडा उठाए हुए था. उसने यह भी कबूल किया कि "अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए जरूरत पड़ने पर वह अमेरिकी राष्ट्रपति और अन्यों की हत्या करवा सकता था.”

अदालती दस्तावेजों के मुताबिक गिरफ्तारी के बाद कंडूला को स्कित्सोफ्रेनिया नाम की बीमारी से ग्रस्त पाया गया था. चूंकि वह भारत का नागरिक है इसलिए सजा पूरी करने के बाद उसे अमेरिका से डिपोर्ट भी किया जा सकता है.

सरकार विरोधी माहौल

2020 में डॉनल्ड ट्रंप को हराकर जो बाइडेन अमेरिका के राष्ट्रपति बने थे. उसके बाद से ही ट्रंप समर्थकों में सरकार विरोधी माहौल रहा है. कई लोग तो बाइडेन को अमेरिका का राष्ट्रपति मानने से ही इनकार करते हैं और डॉनल्ड ट्रंप को ही राष्ट्रपति कहते हैं.

6 जनवरी 2021को, यानी बाइडेन के पद की शपथ लेने से कुछ दिन पहले वॉशिंगटन में कैपिटोल हिल के बाहर 'चुनाव की चोरी' रोकने आए ट्रंप समर्थकों का हुजूम उमड़ा था. फिर कई समर्थक कैपिटोल हिल में घुसे और उन्होंने वहां तोड़फोड़ की.

इस घटना को अमेरिका के लोकतंत्र पर हमला माना गया और बहुत से लोगों को सजा हुई. ऐसा डॉनल्ड ट्रंप के चुनावी नतीजों को अस्वीकार करने जैसे बयानों के बाद हुआ था, इसलिए ट्रंप पर भी राजद्रोह जैसे मामले दर्ज करने की कोशिश चल रही है.

नात्सी समर्थक है कंडूला

हालांकि कंडूला के हमले का इस माहौल से संबंध स्थापित नहीं हुआ है. उसने व्हाइट हाउस के पास लाफायेट स्क्वेयर के नॉर्थ बैरियर पर टक्कर मारी थी. नात्सी समर्थक कंडूला ने पूछताछ में बताया कि वह हिटलर से काफी प्रभावित है, क्योंकि "वह एक ताकतवर नेता था.”

ट्रक से कोई हथियार या विस्फोटक नहीं मिला था. घटना के एक चश्मदीद क्रिस जाबोजी ने पत्रकारों को बताया था कि ड्राइवर ने दो बार बैरियर पर टक्कर मारी. घटना के बाद व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी ज्याँ पियरे ने कहा था कि घटना के वक्त राष्ट्रपति बाइडेन व्हाइट हाउस में ही थे.

वीके/एए (एएफपी, रॉयटर्स)