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समानताइटली

पुल्लिंग संबोधन चाहती हैं इटली की पहली महिला प्रधानमंत्री

२५ अक्टूबर २०२२

जॉर्जिया मेलोनी इटली की पहली महिला प्रधानमंत्री हैं लेकिन उन्होंने अपने नाम का पुल्लिंग रूप चुना है. इसके बाद देश में महिला सशक्तिकरण के प्रतीकों को लेकर बहस छिड़ गई है.

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जॉर्जा मेलोनी इटली की पहली महिला प्रधानमंत्री हैं
जॉर्जा मेलोनी इटली की पहली महिला प्रधानमंत्री हैंतस्वीर: Andreas Solaro/AFP/Getty Images

इटली की नई प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी चाहती हैं कि उन्हें उनके नाम के पुल्लिंग रूप से संबोधित किया जाए. इतालवी नामों में पुल्लिंग और स्त्रीलिंग दोनों ही रूप संभव होते हैं. मेलोनी की ओर से जारी पहले बयान में उनके औपचारिक संबोधन प्रेसीदेंते डेल कोंसिलियो (Presidente del Consiglio) के आगे स्त्रीलिंग संबोधन ला (la) की जगह पुल्लिंग संबोधन इल (il) लगा था. यह वैसा ही है, जैसे हिंदी में किसी महिला के नाम के आगे श्रीमती या सुश्री की जगह श्री लगाया जाए.

रविवार को जारी पहले बयान के बाद सोमवार को भी मेलोनी के दफ्तर से एक बयान जारी हुआ जिसमें ला की जगह इल दोहराया गया, तो लोगों की सवालिया निगाहें उठीं. मेलोनी ने इटली की राजनीति में महिलाओं के लिए एक नया मुकाम खड़ा किया है. वह धुर दक्षिणपंथी और नारीवादी नेता हैं.

वह महिलाओं के लिए संसद और कंपनियों के बोर्डरूम में आरक्षण की विरोधी हैं. उनका कहना है कि महिलाओं को इन जगहों पर अपनी क्षमताओं के आधार पर पहुंचना चाहिए. शुक्रवार को मेलोनी ने जब अपना मंत्रिमंडल घोषित किया तो 24 में से सिर्फ छह पद महिलाओं को दिए.

आलोचकों की राय

मेलोनी का पुल्लिंग संबोधन चुनना सभी को अच्छा नहीं लग रहा है. देश की मुख्य ट्रेड यूनियन उसीगराई ने सरकारी टीवी आरएआई पर इसकी आलोचना की. नारीवादी सांसद और संसद के निचले सदन की पूर्व स्पीकर लॉरा बोल्दरीनी ने भी इस बात की आलोचना की है. वह अपने लिए स्त्रीलिंग संबोधन ही प्रयोग करती थीं.

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मेलोनी के कार्यालय ने इस बारे में कोई बयान या सफाई नहीं दी है. आरएआई की लैंगिक नीति के तहत जहां भी उपलब्ध हो, स्त्रीलिंग संबोधन का प्रयोग किया जाना चाहिए. उसीगराई ने कहा कि इस नीति के चलते प्रधानमंत्री का नाम लेते वक्त "कोई भी पुल्लिंग संबोधन के लिए बाध्य नहीं है.”

बोल्दरीनी ने कहा कि प्रधानमंत्री का यह चुनाव उनकी पार्टी की वजह से है, जिसका नाम है ब्रदर्स ऑफ इटली (एफडीआई). एक ट्वीट में उन्होंने कहा, "पहली महिला प्रधानमंत्री पुल्लिंग संबोधन प्रयोग कर रही हैं. जो पार्टी अपने नाम से ही बहनों को हटा चुकी है, क्या उस एफडीआई की नेता के लिए स्त्रीलिंग का इस्तेमाल इतना मुश्किल है?”

इतालवी भाषा पर काम करने वाली संस्था ‘एकेडेमिया डेला क्रुष्चा' ने कहा है कि जिन पदों पर महिलाएं बैठी हों, उनके लिए संबोधन में स्त्रीलिंग का प्रयोग करना वैयाकरणिक दृष्टि से सही है. हालांकि संस्था के अध्यक्ष क्लाउडियो मारात्सीनी ने समाचार एजेंसी एडंक्रोनोस से कहा कि वैचारिक या पीढ़ी आदि के कारण किसी को भी अन्य संबोधन प्रयोग करने का पूरा हक है.

कौन हैं जॉर्जिया मेलोनी?

15 जनवरी 1977 को जन्मीं जॉर्जिया मेलोनी ने 2014 में ‘ब्रदर्स ऑफ इटली' पार्टी की अध्यक्ष पद संभाली थी. कट्टर दक्षिणपंथी नेता मेलोनी इससे पहले इटैलियन सोशल मूवमेंट की युवा शाखा में भी रह चुकी हैं. यह एक नियो-नात्सी आंदोलन है जिसकी स्थापना इटली के फासीवादी नेता बेनितो मुसोलिनी के समर्थकों ने 1946 में की थी.

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2008 में मेलोनी को बैर्लुस्कोनी मंत्रिमंडल में युवा मामलों का मंत्री बनाया गया था. उस पद पर वह 2011 तक रहीं. 2012 में उन्होंने कुछ अन्य लोगों के साथ मिलकर एफडीआई की स्थापना की और 2014 में उसकी अध्यक्ष बन गईं.

उनकी पार्टी को कोविड महामारी के दौरान खासी लोकप्रियता मिली. चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने ‘एजेंडा ऑफ गॉड' के साथ मातृभूमि और ईसाई पहचान को मुद्दा बनाया था. 45 वर्षीय राष्ट्रवादी मेलोनी को इस बात के लिए आलोचना झेलनी पड़ी थी कि उन्होंने खुद को स्पष्ट तौर पर उस नव फासीवादी आंदोलन से अलग नहीं किया है जो तानाशाह बेनितो मुसोलिनी से हमदर्दी रखने वालों ने शुरू किया था. हालांकि प्रचार के दौरान उन्होंने फासीवादी होने के आरोपों को खारिज किया और कट्टर बयानबाजी से परहेज किया था.

रिपोर्टः विवेक कुमार (रॉयटर्स)

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