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विदेशी नौकरों के लिए बेरहम हांगकांग

१८ फ़रवरी २०२२

हांगकांग का कानून विदेशी घरेलू सहायकों को गुलाम जैसा बना देता है. यही कारण है कि महामारी के बीच भी कई घरेलू सहायकों को घर से निकाल दिया गया. परदेस में उन्हें ना तो छत मिली, ना इलाज.

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इंडोनेशिया में बड़ी संख्या में घरेलू सहायक का काम करती हैं इंडोनेशिया और फिलीपींस की महिलाएं
तस्वीर: imago images/Bernd Günther

चीन की वित्तीय राजधानी हांगकांग, दुनिया में सबसे घनी आबादी वाले महानगरों में से एक है. हांगकांग में करीब तीन लाख 70 हजार विदेशी नागरिक घरेलू सहायक का काम करते हैं. इनमें ज्यादातर फिलीपींस और इंडोनेशिया की महिलाएं हैं. वे घर की सफाई, खाना पकाना और बच्चों की देखभाल करती हैं. कानून के मुताबिक विदेशी घरेलू सहायक को अपने मालिक के साथ ही रहना पड़ता है. उन्हें हफ्ते में छह दिन काम करना पड़ता है और आराम करने के लिए एक दिन की छुट्टी मिलती है. आसानी से नौकरी बदलना उनके लिए मुमकिन नहीं है.

हांगकांग इस वक्त कोरोना से जूझ रहा है. हर दिन हजारों मामले सामने आ रहे हैं और अस्पताल भी फुल होने लगे हैं. लेकिन इसी दौर में बड़ी संख्या में विदेशी घरेलू सहायकों को घर और नौकरी से निकाला जा रहा है. कुछ ऐसे मामले भी सामने आए हैं, जहां कोविड पॉजिटिव होने पर घरेलू सहायक को बेघर कर दिया गया. घरेलू सहायक का काम करने वाले विदेशी नागरिकों के संगठन के मुताबिक कई डोमेस्टिक वर्कर्स सड़कों पर सोने को मजबूर हैं. नौकरी न होने की वजह से अस्पताल भी उनका इलाज नहीं कर रहे हैं.

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खुद घरेलू सहायक की नौकरी करने वाली इंडोनेशिया की इनी लेस्तारी कहती हैं, "हमारी उपेक्षा की गई है. हमें सेवाएं देने से इनकार किया जा रहा है, हमें अकेला छोड़ दिया गया है." डोमेस्टिक वर्कर्स के अधिकारों के लिए लड़ने वाली लेस्तारी के मुताबिक महामारी के दौरान घरेलू सहायकों ने हर तरीके से अपने मालिकों की मदद की. लेकिन बदले में उनके साथ ऐसा सलूक किया जा रहा है.

कोरोना से जूझ रहा है हांगकांग
कोरोना से जूझ रहा है हांगकांगतस्वीर: Vincent Yu/AP/picture alliance

सबका जोर गरीब विदेशी कामगारों पर

कार्यकर्ताओं के मुताबिक नौकरी देने वालों का ऐसा व्यवहार नया नहीं है. वे कहते हैं, कुछ मालिक तो एक दिन के ऑफ के दौरान भी घरेलू सहायक घर से बाहर नहीं निकलने देते हैं. कुछ घरेलू सहायकों को एक दिन की तय छुट्टी लेने के कारण नौकरी से निकाल दिया गया. एशियन माइग्रेंट्स कॉर्डिनेटिंग बॉडी की डोलोरेस बालाड्रेस पलाइज कहती हैं, "हमारे लिए घर पर रहने का मतलब है कि हमें काम करना होगा." सरकार और समाज से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि घरेलू सहायकों को आपकी "करुणा और मदद" की जरूरत है.

घरेलू सहायकों की आवाज उठाने वाले संगठनों के मुताबिक पुलिस का जोर भी इन्हीं विदेशी नागरिकों पर ज्यादा चलता है. कोरोना के कारण सोशल डिस्टेंसिंग के नियम लागू किए गए हैं. वीकेंड पर जब घरेलू सहायकों को एक दिन का ऑफ मिलता, तभी जुर्माने के सबसे ज्यादा मामले सामने आते हैं. ज्यादातर मामलों में जुर्माने की रकम घरेलू सहायकों की महीने भर तनख्वाह से भी ज्यादा है.

हांगकांग में भी चीन की तरह जीरो कोविड पॉलिसी है. लेकिन वित्तीय केंद्र होने के कारण कई तरह का काम काज में रियायत दी गई है.

ओएसजे/एके (एएफपी)