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अर्थव्यवस्थाश्रीलंका

श्रीलंका में बड़ा लॉजिस्टिक हब बनाएगी चीनी कंपनी

२ मई २०२३

चीन की सरकारी कंपनी चाइना मर्चेंट्स ग्रुप ने श्रीलंका के कोलंबो बंदरगाह पर बड़ा लॉजिस्टिक हब बनाने का ऐलान किया है.

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श्रीलंका का बंदरगाह
श्रीलंका का बंदरगाहतस्वीर: Tharaka Basnayaka/NurPhoto/picture alliance

इस नई परियोजना के पूरा होने से श्रीलंका के प्रमुख बंदरगाहों में से एक पर माल के परिवहन के लिए एक प्रमुख केंद्र उपलब्ध होगा. इस निर्माण के साथ श्रीलंका में चीन की कंपनी चाइना मर्चेंट्स ग्रुप (सीएमजी) का निवेश दो अरब डॉलर के पार पहुंच जाएगा.

सीएमजी कोलंबो बंदरगाह पर बड़े लॉजिस्टिक कॉम्प्लेक्स को बनाने में 39.20 करोड़ डॉलर निवेश करेगी.

श्रीलंका पिछले साल अपने कर्ज का भुगतान करने में असमर्थता के कारण दिवालिया हो गया था और तब से सरकार लगातार देश की  वित्तीय स्थिति को बहाल करने की कोशिश कर रही है. श्रीलंका के दिवालिया होने के बाद यह कंपनी वहां पहली बड़ी विदेशी निवेशक है.

कर्ज में डूबे श्रीलंका को मिला चीनी सहारा

पिछले साल पहले उच्च महंगाई और फिर भोजन, ईंधन और दवा जैसी बुनियादी चीजों में भारी कमी के बाद पूरे श्रीलंका में सरकार विरोधी विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे और कोलंबो सरकार के पास विदेशी ऋण चुकाने के लिए कोई धन नहीं था.

सीएमजी द्वारा 1 मई को जारी एक बयान में कहा गया है कि कोलंबो पोर्ट लॉजिस्टिक्स कॉम्प्लेक्स के निर्माण के साथ ही चीनी कंपनी श्रीलंका में सबसे बड़ी विदेशी निवेश वाली कंपनी भी बन जाएगी.

दुबई और सिंगापुर के बीच एकमात्र गहरे समुद्र के बंदरगाह कोलंबो में लॉजिस्टिक कॉम्प्लेक्स बनाने के लिए जो कंपनी बनेगी, उसमें चाइना मर्चेंट्स ग्रुप की 70 फीसदी हिस्सेदारी होगी.

चीनी कंपनी सीएमजी ने पहले ही श्रीलंका में हंबनटोटा बंदरगाह को 99 साल के लिए लीज पर लिया है
चीनी कंपनी सीएमजी ने पहले ही श्रीलंका में हंबनटोटा बंदरगाह को 99 साल के लिए लीज पर लिया हैतस्वीर: Liu Hongru/Xinhua/imago images

2025 तक पूरा होगा निर्माण कार्य

सीएमजी के बयान के मुताबिक कोलंबो पोर्ट पर इस लॉजिस्टिक कॉम्प्लेक्स के बनने के बाद यह सेंटर पूरे दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा लॉजिस्टिक सेंटर बन जाएगा. इस बंदरगाह परिसर का निर्माण 2025 के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है.

श्रीलंका के दक्षिण में हंबनटोटा का बंदरगाह पहले से ही चीनी कंपनी सीएमजी द्वारा प्रबंधित किया जाता है.

कर्ज देने पर चीन की आलोचना

2017 में, जब श्रीलंका अपने चीनी ऋण को चुकाने में विफल रहा तो कोलंबो सरकार ने हंबनटोटा बंदरगाह का प्रबंधन 99 साल की लीज पर 1.12 अरब डॉलर में सीएमजी को सौंप दिया था.

चीन एशिया, अफ्रीका और यूरोप में अपने बड़े पैमाने पर बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) के तहत अरबों डॉलर के ऋण की लागत से जिन परियोजनाओं पर काम कर रहा है, उनकी भी कई देशों द्वारा आलोचना की जा रही है. आलोचना करने वाले देशों का कहना है कि चीन इन देशों को कर्ज के तले दबा रहा है.

पड़ोसी देश भारत के साथ-साथ अमेरिका ने भी श्रीलंका के बंदरगाहों तक पहुंच के साथ हिंद महासागर में चीन को नौसैनिक लाभ प्राप्त करने के बारे में चिंता जाहिर की है.

आलोचकों का कहना है कि कोलंबो पोर्ट पर एक नया लॉजिस्टिक कॉम्प्लेक्स बनाने की नई योजना चीन के इस रणनीतिक लाभ को और विस्तार देगी.

गंभीर वित्तीय कठिनाइयों से जूझ रहे श्रीलंका ने बार-बार जोर देकर कहा है कि चीन श्रीलंका के बंदरगाहों का इस्तेमाल किसी भी सैन्य उद्देश्यों के लिए नहीं कर सकता है और न ही करेगा.

एए/सीके (एएफपी, रॉयटर्स)

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